प्राचीन काल के दौरान खेल को अक्सर सांस्कृतिक नैतिकता और नैतिकता के प्रसार के लिए मीडिया के रूप में उपयोग किया जाता था। खेल मानव जाति के इतिहास के रूप में पुराने है, क्योंकि मानव अस्तित्व का बहुत बड़ा आधार शारीरिक गतिबिधि है। एडवेचर पार्क या एडवेंचर खेल मैदान इसी कड़ी का एक हिस्सा है. जिसमे स्वस्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। चूंकि स्वास्थ्य का महत्व सबसे पहले है, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना शासन प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी ही नही बल्कि एडवेंचर खेल मैदान के जरिए सामाजिक जागरूकता लाने की पहल भी है। एडवेंचर पार्क में कराई जाने वाली खेल गतिविधियों में कारकों को खेल के जरिए स्वास्थ निर्भरता जैसे अत्यधिक सांस लेने का महत्व, ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का महत्व है. भोजन पाचन क्रिया, और व्यायाम की प्रकिया क्या है, कि महत्वपूर्ण जानकारी के प्रशिक्षण से आम नागरिक लाभान्वित होगे। चूंकि एडवेंचर पार्क एक आधुनिक व्यायाम प्रक्रिया साधन है. जिसमें जिप लाइन, साइकिल जिप लाइन, किड एडवेंचर स्पोर्ट्स, जैसे की रस्सी द्वारा निर्मित पुल, हया में ऊपर छलांग लगाने वाला कमरबंद झूला इत्यादि व्यक्तिगत खेल प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए खेल प्रशिक्षकों एवं खेल वैज्ञानिकों द्वारा नई विधियों और तकनीकों की पहचान कराया जाना निर्धारित है, उपरोक्त सभी विचारों को ध्यान में रखते हुए, खेल प्रशिक्षको एवं खेल वैज्ञानिकों द्वारा नवीनतम् और प्रभावी जानकारी कुशलता से प्रदान की जाएगी। कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा के क्षेत्र में स्कूली शिक्षा पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। इस एडवेंचर पार्क के जरिए हमारे शरीर पर शारीरिक व्यायाम के सबसे प्रत्यक्ष प्रभावों में से एक मांसपेशियों का विकास और खेल के साथ वसा हानि के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से ऐसे वर्क आउट को करना सबसे अच्छा कारगार सिद्ध होगा। Note: शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी संलग्न किया जाकर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे युवाओं में नई तकनीकी ज्ञान के साथ आर्थिक स्थिति सुदृढ होगी।
कोरोना महामारी से लगे लॉक डाउन के बाद से ही ग्रामीण युवकों समेत स्कूली बच्चों में शारीरिक गतिविधियों की और रुझान कम और नशापत्ति, ऑनलाइन सट्टा, मोबाइल एवम् वर्चुअल गेम की तरफ रुझान बढ़ता हुआ देखा गया है। जिसके चलते कई बच्चों में मानसिक, शारीरिक विकार और मोबाइल खरीद से ले कर कई बार रिचार्ज जैसी अन्य आर्थिक मार से शावकों एवम् बच्चों को निकालना शशान प्रशासन की सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है । इन सब समस्याओं को ध्यान में रख कर Pre- Military Training Adventure Sports Ground की परिकल्पना की गई, अमूमन एडवेंचर स्पोर्टस अब तक मिलिट्री स्कूलों और पहाड़ी इलाकों में होने की वजह से काफ़ी महंगा और पहुँच के परे प्रायोजन माना जाता रहा है। किंतु विगत 3 वर्षों से हमारी कंपनी Cute Planet Interiors जो की 1999 से स्वचालित है, के अथक प्रयासों ने इस परिकल्पना को जमीनी और आम जन मानस की पहुँच में ला कर सामाजिक व्यवस्था के स्तर में उत्थान करने का सफलता पूर्वक कार्य गोरेला - पेंड्रा - मारवाही के आदिवासी विकास आदिम एवम् अनुसूचित जाति गुरुकुल खेल मैदान परिसर, मूँगेली के आत्मानंद स्कूल, बैलौदा बाज़ार के आत्मानंद स्कूल, नारायणपुर के चंद्र पार्क, दंतेवाड़ा के आदिवासी इलाकों में भी संपन्न कर बच्चों में इस नयी खेल विज्ञान तकनीक के जरिए मानसिक एवम शारीरिक स्तर में उछाल दर्ज किया है। जिसके सरकारी दस्तावेज, शाशन द्वारा जारी एएस की कॉपी, साथ ही कार्य पूर्ण गुणवत्ता के सफलता पूर्वक संमन्न होने पर सरकार द्वारा दी गैई एनओसी की कॉर्पी भी संलग्न है। हमारी कंपनी ने ना केवल इस शारीरिक खेल विज्ञान की परिकल्पना की है बल्कि इसमें लगने वाली सभी वस्तुओं की गुणवत्ता समेत मिलिट्री ट्रेनिग में उपयोग होने वाली कंपनी क्लिफ क्लाइंबर से गठबंधन कर इस योजना को स्थापित करने से ले कर 1 साल तूक देख रेख और कोबरा कमांडो द्वारा इस विज्ञान की ट्रेनिंग दी जाने की भीे की संभावना माना जा सकता है।

MISSION


कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से ग्रामीणों में युवाओं सहित स्कूली बच्चों में शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि कम रुझान और लत, ऑनलाइन सट्टेबाजी, मोबाइल और वर्चुअल गेम्स के प्रति रुझान बढ़ रहा है। जिसके कारण कई बच्चे मानसिक, शारीरिक विकारों से पीड़ित होते हैं और मोबाइल खरीदने से लेकर बार-बार रिचार्ज करने और अन्य वित्तीय समस्याओं से शावकों और बच्चों को दूर रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग एडवेंचर स्पोर्ट्स ग्राउंड की कल्पना की गई, आमतौर पर अब तक साहसिक खेल सैन्य स्कूलों और पहाड़ी इलाकों में होते रहे हैं। स्पॉन्सरशिप काफी महंगी मानी जाने के कारण पहुंच से परे होती जा रही है। लेकिन पिछले 3 वर्षों से हमारी कंपनी क्यूट प्लैनेट इंटीरियर्स, जो 1999 से काम कर रही है, के अथक प्रयासों ने इस अवधारणा को जमीनी स्तर और आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया है। इसे मन की पहुंच में लाकर सामाजिक व्यवस्था के स्तर पर लाकर उत्थान का सफल कार्य गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के आदिवासी विकी आदिम एवं अनुसूचित जाति गुरुकुल खेल मैदान परिसर, मुंगेली का आत्मानंद स्कूल, बलौदा बाजार का आत्मानंद स्कूल, चंदू पार्क नारायणपुर, दंतेवाड़ा के आदिवासी इलाकों में भी बच्चों में यह उपलब्धि हासिल की गई है। नई खेल विज्ञान तकनीकों के माध्यम से मानसिक एवं शारीरिक स्तर में उछाल दर्ज किया गया है। जिसके आधिकारिक दस्तावेज, सरकार द्वारा जारी एएस की प्रति, पूर्ण किये गये कार्य के साथ गुणवत्ता पूर्ण होने पर सरकार द्वारा दी गयी जीएआई एनओसी की प्रति भी संलग्न है। हमारी कंपनी ने न केवल इस भौतिक खेल विज्ञान की कल्पना की है, बल्कि इसमें उपयोग की जाने वाली सभी वस्तुओं की गुणवत्ता सहित सैन्य प्रशिक्षण भी दिया है, क्लिफ क्लाइंबर से, एक कंपनी जो गठबंधन द्वारा इस योजना की स्थापना से 1 वर्ष तक प्रशिक्षण में उपयोग की जाती है, इस विज्ञान की निगरानी और प्रशिक्षण करती है। कोबरा कमांडो देने की भी व्यवस्था की गई है. चूंकि छत्तीसगढ़ में कई प्राचीन खेलों को न तो बढ़ावा मिल रहा है और न ही स्कूलों में मैदान। हथियारों और अन्य प्रणालियों की कमी बच्चों में शारीरिक विकार इसका मुख्य कारण यह है कि इसके विपरीत, पूर्व सैन्य प्रशिक्षण साहसिक राष्ट्रीय सेवाओं जैसे पुलिस बल, सैन्य, सीमा बल या अन्य नौकरियों के विकल्प के लिए खेल मैदान की स्थापना और स्कूल को बनाए रखना सैनिक स्कूल की तर्ज पर. यह एक सफल प्रयास सिद्ध होने की सम्भावना मानी जा सकती है